- मेंटेनेंस के अभाव में लगभग सभी वाटर कूलर खराब, भीषण गर्मी में पानी खरीदने की मजबूरी
- दो हजार लीटर पानी हर दिन बेचते हैं अस्पताल के आसपास के दुकानदार
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ओपीडी के पास तीन वाटर कूलर, दो खराब
लगातर.इन (शुभम संदेश) संवाददाता ने रिम्स के पुरानी बिल्डिंग की पड़ताल की. यहां ओपीडी के पास तीन वाटर कूलर जरूर नजर आया, लेकिन इनमें से दो मशीनें बंद थीं. जबकि तीसरी मशीन के दो नल से पानी नहीं आता है. एक नल से बूंद-बूंद पानी निकल रहा था. 1 लीटर पानी भरने के लिए कम से कम 10 मिनट इंतजार करना पड़ता है. वहीं ओपीडी में इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या सैकड़ों में होती है और उन्हें चिकित्सीय सलाह लेने में करीब 2 से 3 घंटे का वक्त लगता है. ऐसे में इस भीषण गर्मी में मरीजों को प्यास बुझाने के लिए बाजार से पीने का पानी खरीदने की मजबूरी हो जाती है.- वहीं मेडिसिन विभाग की A2 यूनिट के पास दो वाटर कूलर लगे हुए हैं. दोनों ही मशीन सिर्फ नाम के हैं, काम के नहीं. क्योंकि इससे ठंडा पानी नहीं निकलता है. वहीं नल से बूंद-बूंद पानी निकलता है. यहां पानी भर रहे मरीज के परिजन प्रदीप कुमार स्वर्णकार ने कहा एक बोतल पानी भरने के लिए 20 मिनट इंतजार करना पड़ता है.
- वहीं पुराने बिल्डिंग में सर्जरी विभाग डॉ शीतल मलुवा की यूनिट के बाहर दो वाटर कूलर हैं. एक पूरी तरह से ठप है, जबकि दूसरे से हल्का पानी आ रहा है.
- वहीं थर्ड फ्लोर में भी दो वाटर कूलर लगे हैं. यहां स्किन, एसटीडी, लेप्रोसी के डॉ डीके मिश्रा की यूनिट के बाहर लगे वाटर कूलर तो काम जरूर कर रहे हैं. लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में ये दोनों ही मशीनों से पानी बहुत धीरे आता है.
- चौथे तल्ले के डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक एंड नियोनाटोलॉजी के पास दो वाटर कूलर हैं. एक काम कर रहा है. जबकि दूसरा खराब है. जिस मशीन से पानी आ रहा है, वह मरीजों की प्यास बुझाने के लिए काफी नहीं है.
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